व्यावसायिक कुशाग्रता-वित्तीय साक्षरता



वित्तीय साक्षरता कर्मचारियों की समझ से संबंधित है कि व्यवसाय किस तरह से चलाया जाये जो उन्हें किसी कंपनी के वित्तीय मापदंडों की गहरी समझ प्रदान करे। संगठन आजकल अपने कर्मचारियों की वित्तीय साक्षरता के निर्माण में बहुत समय दे रहे हैं ताकि उनके पास एक स्पष्ट विचार और एक समग्र संदर्भ हो जिसके अंतर्गत उनसे काम के माहौल में परिवर्तन लाने की उम्मीद की जा सकती है।

यह विचार-प्रक्रिया कार्य करने के दृष्टिकोण में बहुत आवश्यक परिवर्तन लाती है जो गुणवत्ता और उत्पादन की मात्रा में दिखाई देती है। अब मैनेजर अपनी टीम के सदस्यों को वित्तीय रिपोर्ट और परिणाम के बारे में एक सटीक जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता को समझते हैं। इन स्तरों पर पारदर्शिता के बिना कर्मचारी संदेह महसूस करना शुरू कर देते हैं जो उनके प्रदर्शन पर नकारात्मक रूप से प्रभाव डालता है।

यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोई खास कर्मचारी किस विभाग से है, वह कुछ महत्वपूर्ण मेट्रिक्स पर अपने प्रदर्शन का आकलन करेगा। किसी संगठन के व्यवसाय संचालन पक्ष के लिए उसे प्रदर्शन के रिकॉर्ड को नीचे लिखे आधारों पर रखना होगा −

  • बिक्री आंकड़ा − बाजार में उत्पाद की कितनी मात्रा बेची गई है।

  • ग्राहक की वफादारी और प्रतिधारण − ग्राहक जो ब्रांड को महत्व देते हैं।

  • उत्पादकता − उत्पादन की मात्रा और प्राप्त लक्ष्यों की संख्या।

  • ग्रॉस मार्जिन − कंपनी के मासिक लाभ और हानि का रिकॉर्ड।

  • ओवरहेड − लगातार बढ़ते आवर्ती व्यय

  • परिवर्तनीय लागत − नए सहयोगी, अधिग्रहण, लाभ, चिकित्सा बीमा।

  • इन्वेंटरी − कंपनी के पास मौजूद स्टॉक की मात्रा।

  • काम/उत्पादन का समय − उत्पादन करने के लिए कर्मचारियों द्वारा लिया गया समय

प्रतिभा अधिग्रहण और मानव संसाधन प्रंबधन की नीति-निर्माण में किसी के लिए भी यह जरूरी है कि वह यह समझे कि किस तरह से भर्ती होने वाले लोग कंपनी के कामकाजी वातावरण को प्रभावित करते हैं। अधिकांश मानव संसाधन प्रबंधक अलग-अलग प्रक्रियाओं द्वारा रखे गए कर्मचारियों के प्रदर्शन का मासिक आधार पर पता लगाते हैं ताकि वे प्रदर्शन प्रोत्साहन और अन्य लाभों की गणना कर सकें। मानव संसाधन प्रबंधक के मेट्रिक्स का एक अभिन्न हिस्सा बनाने वाले कुछ पैरामीटर इस प्रकार हैं −

  • हेडकाउंट − कर्मचारियों की संख्या

  • टर्नओवर − कर्मचारी कितने उत्पादक हैं।

  • अनुपस्थिति − कंपनी को दत्त और अदत्त भुगतान

  • प्रशिक्षित/प्रशिक्षण कर्मचारियों का समय − कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर लगने वाला समय और प्रशिक्षण के दौरान होने वाला खर्च

  • कर्मचारी भागीदारी − कंपनी के बारे में उनके विचारों को समझने के लिए कर्मचारियों के साथ लगातार चर्चा

  • ग्राहक सेवा/ संतुष्टि − लोगों के दिमाग में कंपनी के प्रति छवि।

  • विविधता − विभिन्न पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले कर्मचारियों को भर्ती करना।

  • प्रदर्शन प्रबंधन स्कोर − कर्मचारी के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए आवश्यक मानदंडों को तय करना।

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