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करियर विकास सेवानिवृत्ति योजना
सेवानिवृत्ति नियोजित करना कोई एक दिन का काम नहीं है । यह करियर के शुरुआती चरणों से किया जाना चाहिए, हालांकि युवा इसे अक्सर स्वीकार नहीं करते हैं। सेवानिवृत्ति पैकेज को विभिन्न लाभ प्रदान करने चाहिए जैसे कि −
- निवेश परामर्श
- लाभ साझा करना और
- विलम्बित मुआवजा योजनाएं
लेकिन आजकल कमाई इतनी नहीं है कि उसका कुछ हिस्सा सेवानिवृत्ति के लिए निश्चित कर दिया जाए।
सेवानिवृत्ति के बाद जीवन
अनिवार्य सेवानिवृत्ति के उन्मूलन और निश्चित पेंशन लाभों को सीमित करने के बाद, कर्मचारियों को अपने भविष्य या सेवानिवृत्ति के बाद वाले खर्चों के बारे में सोचने के लिए मजबूर करना एक जरुरत बन गई है। आज के लोग, 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति की अवधारणा में विश्वास नहीं करते हैं । यह 50-75 या इससे भी ज्यादा हो सकती है, जो आपको सेवानिवृत्ति की योजना के लिए थोड़ा और समय देती है।

कई कंपनियां अब पूर्व-सेवानिवृत्ति के सेमिनारों का आयाेजन कर रही हैं जो वित्तीय, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक स्थिति और करियर परिवर्तन आदि मुद्दों पर सवाल उठाती हैं । बेहतर होगा कि कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए एक लचीली कार्य अनुसूची प्रदान करें, ताकि वे अपने काम के साथ अपने जुड़ाव को बनाये रखते हुए अपनी रुचियां और लक्ष्यों को तलाशने का कुछ समय पा सके। इस तरह से वे परिवर्तन चरण से पार पा सकेंगे।
समर्पित कर्मचारियों को पर्याप्त छुटि्टयों की अनुमति दे जिसके कि उन्हें बाहरी दुनिया के साथ संबंध स्थापित करने, अपने रिश्तेदारों और मित्रों के साथ समय बीताने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। शुरुआती चरण से पूर्व-सेवानिवृत्ति कार्यक्रम शुरू करने से कर्मचारियों में सेवानिवृत्ति को लेकर एक तरह की संतुष्टि आ सकती है और साथ ही उनमेें अपने नियोक्ता/कंपनी के प्रति सद्भावना का विकास भी हो सकता है।
वैकल्पिक कार्य व्यवस्था
लोग एक समान बूढ़े नहीं होते। एेसा देखा गया है कि लोगों ने अपने करियर के बाद के वर्षो में उत्कृष्ट प्रर्दशन दिया है। यदि किसी कर्मचारी ने एक निश्चित आयु सीमा पार कर ली है, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वह सेवानिवृत्ति का पात्र हो गया है। आयु किसी व्यक्ति की दृश्य तीक्ष्णता, प्रतिक्रिया का समय या सहनशक्ति को तो सीमित करती है, लेकिन बहुत ज्यादा ज्ञान और अनुभव भी प्रदान करती है।
यह मानना गलत है कि पुराने कर्मचारी नए कौशल नहीं सीख सकते, या कड़े शब्दाें में कहे तो, सीखने की कठिनाइयां कौशल और प्रतिभा की कमी से नहीं, प्रोत्साहन की कमी के कारण उत्पन्न होती हैं। समस्या इस लिए उत्पन्न होती है क्योंकि पुराने श्रमिकों को उनके करियर में अधिक व्यस्त रखने के लिए उचित प्रशिक्षण और उन्नति के अवसर नहीं दिये गये।
पेसिफिक टेलीफोन, यूनीरॉयल और क्रिसलर जैसी कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को गोल्डन हैंडशेक या त्वरित स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति कार्यक्रमों का तोहफा दे रही हैं। एक पूर्व सेवानिवृत्ति कार्यक्रम स्थापित करने का उद्देश्य अलग-अलग हो सकता हैं। संभवतः यह जूनियर कर्मचारियों की करियर संबंधी बाधाओं को दूर करता हो या संभावित श्रम अधिशेष प्रबंधन या श्रम लागत बचत का प्रबंधन कर सकता हो। यह ये सब प्रभावी योजना के बारे में है।